शुक्रवार, 29 जून 2007

क्षणिका

(1)वह अपने दिल परपत्थर रख कर सो गयाये सोचकरकि कहीँज़ज्बात की आंधी आयेऔर...उसे उडा ना ले जाये।(2)वो मिटा दें अपने वजूद कोये उनकी मरजी हैरहते हैं आँधियों मेंऔर...हवा से एलर्जी है।(3)ख्वाब को उस शख्स नेहक़ीक़त में बदल दियातारों को तोड़ लायाऔर ...चांद पर घर लिया.(19...

गुरुवार, 28 जून 2007

चार लाईना

जब रोज-रोज उनसे होती मुलाकातें थींतब कहने को दिल में कुछ रहती नहीं बातें थींअब कहने को उनसे कितनी ही बातें हैंलेकिन अब नहीं होती मुलाकातें हैं. (19...

क्रिकेट का बुखार

अम्पायर मैदान मेंदौडा-दौडा आयाफिर झटपटपिच पर उसनेस्टंप लगाया।लो हो गया तैयार विकेटअब खेला जायेगा क्रिकेट।दो बल्लेबाज़जो दिखते थे उस्तादबैट लेकर दौड़ते आये।किस्मत पर अपनी इतराएएक ने आकर बैट जमायादूजा रनर बनकर आया।गेंदबाजगेंद लेकर घिसता आयाअपनी की रफ्तार तेज़गेंद दी तेज़ी से फ़ेंकबल्लेबाज़ संभलाघुमाया बल्ला मारा छक्कागेंदबाज यह देखकरगया हक्का-बक्का।तब, दर्शक दीर्घा सेतालियों की आवाज आयीगेंद की होने लगी धुनाईदेखते ही देखतेस्कोर बोर्ड पररनों का अम्बार हो गयादर्शक बैठे खुश होते थेक्रिकेट का दीदार हो गया।जिधर भी देखो क्रिकेट-क्रिकेटक्रिकेट का बुखार हो गयाक्रिकेट चाहे जिस दिन भी होवह दिन तो इतवार हो गया.(19...

अजीब पहेली है

ज़ुरासिक पार्क में दो ड़ायनासोरआपस में करते थे बातचीतभाई, आज के आदमी के भी क्या कहनेजो प्रगति के नाम परपर्यावरण प्रदूषित करजंगलों को काटकरवर्तमान में जीवित प्राणियों केअस्तित्त्व को मिटाता हैवहीँ अतीत में...विलुप्त हो चुके प्राणियों कातरह-तरह से अनुसंधान करउन्हें जीवित करने का प्रयास करता हैतो कभी उनकी अस्थियाँ खोजकरउनका आकार बनता हैजीवित पर अत्याचारऔर विलुप्त पर इतना प्यारये कैसे अजीब पहेली हैहम ड़ायनासोर की तोकुछ समझ में नहीं आता है।(19...
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