हाय, मेरा नाम...है। पहले मैं अपनी जिंदगी से बहुत परेशान रहता था। मेरा कोई भी काम ठीक से नहीं हो पाता था। कई बीमारियां घेरे रहती थीं। काफी इलाज करवाया। कोई फायदा नहीं हुआ। फिर मुझे किसी ने चमत्कारी 'मोदी ताबीज' के बारे में बताया। उस दिन के बाद से तो मेरी जिंदगी ही बदल गई। जिस दिन से मैंने श्रीश्री 1008 मोदी जी महाराज के नाम की ताबीज पहननी शुरू की उसी दिन से मेरी जिंदगी में चमत्कार शुरू हो गए। अचानक मैं खुद को काफी स्वस्थ महसूस करने लगा। आज मेरे दोस्त मुझे देखकर पहचान ही नहीं पाते कि मैं वही हूं। मुझे अब भी यकीन नहीं होता कि यह सब 'मोदी ताबीज' का कमाल है। लेकिन यही सत्य है। हालांकि 2002 में मेरे दादाजी ने मुझे 'मोदी ताबीज' के बारे में बताया था। तब 'मोदी ताबीज' नई-नई बाजार में लॉन्च हुई थी। लेकिन तब मैंने दादाजी की बातों पर यकीन नहीं किया। मैं नहीं मानता था कि ताबीज से भी कोई चमत्कार हो सकता है। लेकिन 'मोदी ताबीज' पहनने के बाद मेरी यह धारणा बदल गई है। मुझे अफसोस है कि अगर 2002 में ही मैंने दादाजी की बात मानकर 'मोदी ताबीज' पहनी होती तो आज मैं पता नहीं कहां से कहां पहुंच चुका होता। खैर, देर आए, दुरुस्त आए। मैंने अपनी गलती सुधार ली। आप भी मेरी कहानी से सीख लें। 'मोदी ताबीज' घर लाएं, सभी समस्याओं से निजात पाएं।
सोमवार, 29 अप्रैल 2013
चमत्कारी मोदी ताबीज-पहले इस्तेमाल करें, फिर विश्वास करें
सोमवार, अप्रैल 29, 2013
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हाय, मेरा नाम...है। पहले मैं अपनी जिंदगी से बहुत परेशान रहता था। मेरा कोई भी काम ठीक से नहीं हो पाता था। कई बीमारियां घेरे रहती थीं। काफी इलाज करवाया। कोई फायदा नहीं हुआ। फिर मुझे किसी ने चमत्कारी 'मोदी ताबीज' के बारे में बताया। उस दिन के बाद से तो मेरी जिंदगी ही बदल गई। जिस दिन से मैंने श्रीश्री 1008 मोदी जी महाराज के नाम की ताबीज पहननी शुरू की उसी दिन से मेरी जिंदगी में चमत्कार शुरू हो गए। अचानक मैं खुद को काफी स्वस्थ महसूस करने लगा। आज मेरे दोस्त मुझे देखकर पहचान ही नहीं पाते कि मैं वही हूं। मुझे अब भी यकीन नहीं होता कि यह सब 'मोदी ताबीज' का कमाल है। लेकिन यही सत्य है। हालांकि 2002 में मेरे दादाजी ने मुझे 'मोदी ताबीज' के बारे में बताया था। तब 'मोदी ताबीज' नई-नई बाजार में लॉन्च हुई थी। लेकिन तब मैंने दादाजी की बातों पर यकीन नहीं किया। मैं नहीं मानता था कि ताबीज से भी कोई चमत्कार हो सकता है। लेकिन 'मोदी ताबीज' पहनने के बाद मेरी यह धारणा बदल गई है। मुझे अफसोस है कि अगर 2002 में ही मैंने दादाजी की बात मानकर 'मोदी ताबीज' पहनी होती तो आज मैं पता नहीं कहां से कहां पहुंच चुका होता। खैर, देर आए, दुरुस्त आए। मैंने अपनी गलती सुधार ली। आप भी मेरी कहानी से सीख लें। 'मोदी ताबीज' घर लाएं, सभी समस्याओं से निजात पाएं।