गुरुवार, 7 मई 2015
''ऊपरवाला'' कुछ नहीं देख रहा है?
गुरुवार, मई 07, 2015
Unknown
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''ऊपरवाले'' के यहां देर और अंधेर तो पहले से ही था. अब पता चला कि वहां भ्रष्टाचार भी बहुत है. ऊपर बैठकर ''सब कुछ'' देखने के लिए भगवान ने जो सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे उनमें से ज्यादातर खराब पड़े हैं. जो कैमरे काम कर रहे हैं, वो घटिया क्वॉलिटी के कैमरे भी जल्द ही 'स्वर्ग सिधार' जाएंगे. लगता है भगवान ने सीसीटीवी लगाने का ठेका किसी भ्रष्ट इंजीनियर या भ्रष्ट ठेकेदार को दिया था. घटिया कैमरे लगाकर भोले-भाले भगवान जी को ठग लिया. मार्केट रेट से ज्यादा पैसा भी लिया, घटिया कैमरे भी लगा दिए और आफ्टर सेल्स सर्विस भी नहीं दी. हालांकि ठेका देने में भगवान पर भाई-भतीजावाद का शक नहीं किया जा सकता. वह तो मनमोहन सिंह की तरह सौ फीसदी ईमानदार हैं. लेकिन खराब कैमरों के चक्कर में आजकल उनके 'ग्रह-नक्षत्र' कांग्रेस की तरह खराब चल रहे हैं. धरती के प्राणी सोच रहे हैं कि ऊपरवाला सब देख रहा है, जहां उसकी जरूरत होगी वह हरकत में आएगा. गुनहगारों को सजा देगा. लेकिन भक्तों को क्या मालूम कि ऊपरवाले की आंखें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं. आजकल उसे कुछ दिखाई-सुनाई नहीं देता. एक तो आंखों का मोतियाबिंद तो ऊपर से खराब कैमरे, जिनमें कुछ रिकॉर्ड ही नहीं होता. मुश्किल ये है कि अब नये कैमरे लगवाने के लिए भगवान पैसे कहां से लाएं? उनके पैसों पर तो पंडे, पुजारियों और मौलवियों ने कब्जा जमा रखा है. उनके नाम पर जमा सोना-चांदी पंडे, पुजारियों की तिजोरियों का वजन बढ़ा रहा है। कुल मिलाकर आज के जमाने में मजबूरी का नाम महात्मा गांधी नहीं, मजबूरी का नाम ''भगवान'' है.
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