सोमवार, 28 जनवरी 2008

पेश-ए-खिदमत है आज की सनसनीखेज खबर

अचानक दिमाग में खयाल आया कि अगर देश में अपराध खत्म हो जाएं तो क्या होगा। खबरिया चैनल में काम करता हूं तो सबसे पहले उसी के बारे में सोचने लगा। सोचा तो काफी कुछ सोच डाला। परेशान भी हो गया। आप भी पढ़िये हमारे खाली दिमाग ने आज क्या सोचा।
बुलेटिन शुरू हुआ। एंकर सामने आई। मुस्कुराई और बोली...नमस्कार..मैं हूं दीपशिखा और आप देख रहें हैं हमारा चैनल...खबरिया। पेश हैं आज की खबरें। आज की सबसे बड़ी खबर है देश से अपराध का खात्मा। जी हां यह सच है। हमारी यह सनसनीखेज और एक्सक्लूसिव खबर सुनकर आप चौंक गये न? खबर ही ऐसी है। ऐसा कैसे हुआ, यह तो फिलहाल हम भी नहीं जानते लेकिन यकीन मानिये ऐसा ही हुआ है। इसका यह मतलब कतई नहीं कि हमारे देश की पुलिस बड़ी मुस्तैद हो गई है या फिर अपराधियों ने अपराध से संन्यास ले लिया है, बल्कि हमें तो इसमें किसी गहरी साजिश की बू आ रही है।
देश भर में फैले हमारे संवाददाता इसका पता लगाने के लिये जी जान से जुट गये हैं। हमे यकीन है कि हम इस मामले का जल्द से जल्द खुलासा कर देंगे। वैसे भी हम पहले भी कई सनसनीखेज खुलासे कर चुके हैं। अरे, जरा आप ही सोचिये ऐसा कैसे हो सकता है। यकायक अपराधों का खात्मा कैसे हो सकता है? क्या यह मुमकिन है कि इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश में कोई वारदात ही न हो। हम तो कहते हैं कि ऐसा होना नामुमकिन है। तो सच क्या है? इसका पता हम आज नहीं तो कल लगाकर ही रहेंगे। चलिये इसी मुद्दे पर बात करते हैं दिल्ली में मौजूद हमारे अपराध संवाददाता जैकाल से। जी जैकाल बतायें। (संवाददाता की आवाज)
जी दीपशिखा अचानक अपराधों के खात्मे के मुद्दे पर आज हमने कई नेताओं और अफसरों से बात करने की कोशिश की लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि कोई इस मामले में बोलने को ही तैयार नहीं है। हमने पुलिस कमिश्नर से भी पूछा कि जरा बतायें कि ऐसा कैसे हो सकता है? अचानक अपराधों पर लगाम कैसे लग सकती है। तो उन्होंने कोई भी जवाब देने से मना कर दिया। यहां तक कि वो कैमरे के सामने आने को ही तैयार नहीं हुये। जाहिर है, कहीं न कहीं कोई न कोई गड़बड़ जरूर है। पुलिस और अपराधियों के बीच मिलीभगत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। सवाल यह भी है कि सारे अपराधी अचानक कहां गायब हो गये? वो कर क्या रहे हैं..। फिक्र इस बात की भी होनी चाहिये कि अगर वो अपना धंधा छोड़ देंगे तो उनकी रोजी-रोटी कैसे चलेगी। उनके परिवारवाले तो भूखे मर जाएंगे। पुलिस अफसर कितना भी मुंह छिपायें एक न एक दिन उन्हें जवाब देना ही होगा। जवाब तो सरकार को भी देना होगा कि अपना धंधा छोड़कर बेरोजगार हुये अपराधियों, बदमाशों, लुच्चे, लफंगों के लिये सरकार क्या कर रही है। उसने एहतियात के तौर पर कोई इंतजाम किया है या नहीं। आखिर वो भी तो देश के नागरिक हैं। उनके लिये भी सरकार का कोई फर्ज बनता है। आप क्या सोचते हैं। क्या अचानक अपराधों का खात्मा होना देश के लिये सही है? या फिर इसमें किसी की साजिश है। अभी उठाइये अपना मोबाइल फोन और हमें एसएमएस करिये 420420 पर। ब्रेक के बाद हम फिर हाजिर होंगे। खबरों का सिलसिला जारी है आप देखते रहिये....खबरिया। आपकी खबर आपके लिये।
ब्रेक के बाद खबरिया में आपका स्वागत है। सबसे पहले हेडलाइन
1- देश के चारों महानगरों में आज नहीं हुई कोई वारदात, पुलिस और अपराधियों के बीच गठजोड़ की आशंका
2- पुलिस के सामने बेरोजगारी का संकट, अपराध खत्म होने से पुलिस के आला अफसर और सियासी दल परेशान
3- रात के अंधेरे में भी नहीं हो रही वारदातें, आखिर रातोंरात कहां गये सारे अपराधी, सरकार के पास नहीं है कोई जवाब

ब्रेक के बाद एक बार फिर आपका स्वागत है। ब्रेक से पहले हम चर्चा कर रहे थे देश के आपराधिक रिकार्ड में यकायक आई गिरावट की। इस गिरावट ने सेंसेक्स को भी पीछे छोड़ दिया है। सेंसेक्स तो चढ़ता उतरता रहता है लेकिन यह गिरावट तो ऐसी है कि स्थिर हो गई है। अभी-अभी हमसे जुड़े दर्शकों को हम बता दें कि हम सुबह से ही बता रहे हैं कि कल से आज सुबह तक देश के किसी भी इलाके में कोई भी आपराधिक वारदात नहीं हुई। हमें खेद के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि आज रात हम अपना डेली क्राइम शो प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं। आगे भी हम इसे जारी रख पाएंगे या नहीं, इसके बारे में भी फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता। जब अपराध नहीं होंगे तो हम खबरे कहां से लाएंगे? ये तो बड़ी समस्या है। सरकार को इसके बारे में सोचना पड़ेगा। पुलिसवालों का क्या होगा? वो भी तो बेरोजगार हो जाएंगे। उनकी छोड़िये हमारा क्या होगा? न्यूज चैनलों का क्या होगा। लेकिन हमें फिक्र नहीं है क्योंकि हम तो न्यूज दिखाते ही नहीं, इसलिये खबरे हो या ना हों फिर भी चलता रहेगा देखते रहिये खबरिया...आपकी खबर आपके लिये।

4 comments:

Ashish Maharishi ने कहा…

शानदार लिखा है, वाकई खबर हर कीमत पर

इष्ट देव सांकृत्यायन ने कहा…

क्या ऐसा नहीं हो सकता :
होने वाला है, होने वाला है एक भयंकर अपराध. दर्शकों आप घबराइए नहीं. थोडा इंतजार करिये. हम अभी आपको दिखाते हैं एक भयानक अपराध. क्यों?

mamta ने कहा…

एस.एम.एस के लिए मोबाइल नम्बर ४२०४२०
बाप रे ऐसा खबरिया चैनल ।

पलाश ने कहा…

ज्यादा "सनसनी" मत फैलाइए रवीन्द्र बाबू

 
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