कल्पना की भी कोई सीमा नहीं होती। अगर कोई कलाकार, साहित्यकार, पत्रकार या फिर चित्रकार अपनी कल्पना के घोड़े दौड़ाना शुरू कर दे तो जाहिर है परिणाम बेहद रुचिकर और असरकारक होगा। ईमेल के जरिये एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर का सफर कर रही किसी की ये परिकल्पना भी बेहद रूचिकर है। साभार मैं इसे अपने ब्लाग पर पेश कर रहा हूं। आप भी देखिये-पढ़िये और इसे प्रस्तुत करने वाले का उत्साहवर्धन कीजिये। Posted in: नजरियाइसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! Twitter पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करें
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