शनिवार, 15 सितंबर 2007

हां, मैं भूत को जानता हूं !

मैंने कभी भूत को नहीं देखा
मैं भूत को देखना चाहता हूं
मैंने भूतों के बारे में बहुत कुछ सुना है
मेरी नानी कहती थीं
भूत देखने में डरावना होता है
उसकी कोई आकृति नहीं होती
कोई निश्चित आकार भी नहीं होता
फिर भी लोग उससे डरते हैं
वह लोगों को डराता है
लेकिन क्यों?
यह मेरी नानी भी नहीं जानतीं
वह कहती थीं...
जब कोई इंसान बेमौत मर जाता है
तो भूत बन जाता है
वह भूत बनकर भटकता रहता है
मुक्ति की तलाश में
अब मेरी नानी इस जहां में नहीं हैं
मुझे उनकी सारी कहानियां याद हैं
वह कहानियां जिन्हें सुनकर
मेरे रोंगटे खड़े हो जाते थे
मैं डरकर उनकी गोद में दुबक जाता था
उन कहानियों में
एक से बढ़कर एक
भूत, राक्षस और दानव होते थे
उनके पास सारी शक्तियां होती थीं
अब मैं बड़ा और समझदार हो गया हूं
लेकिन अब भी सुनना चाहता हूं
भूतों की कहानियां
अब मेरी नानी नहीं हैं
फिर भी...
मैं भूतों से आये दिन रूबरू होता हूं
जब भी दिल करता है
भूतों के बारे में जानने का
फौरन सारी कड़ियां जोड़ लेता हूं
अरे यारों, अब भी नहीं समझे
बस टीवी पर कोई खबरिया चैनल खोल लेता हूं।

1 comments:

उन्मुक्त ने कहा…

खबरिया ही क्यौं हर चैनल में कम से कम एक सीरियल भूत का है।

 
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