रविवार, 26 अप्रैल 2009

राज ठाकरे के स‌मर्थन में...

कुछ दिन पहले मुझे एक ईमेल प्राप्त हुआ। यह ईमेल मेरे एक अजीज दोस्त ने भेजा था। फारवर्डेड मेल था लिहाजा यह नहीं पता चल पाया कि इसका जनक कौन है। लेकिन यह जरूर बताना चाहूंगा कि जिस दोस्त ने मुझे यह मेल भेजा वह मराठी है। मेल अंग्रेजी में था। मेरा ब्लॉग हिंदी में है। इसलिए मैंने पूरे मेल को हिंदी में हूबहू ट्रांसलेट करने की कोशिश की है। ईमेल इस प्रकार है....अगर आप राज ठाकरे के स‌मर्थक हैं तो कृपया निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें...

1. अगर आपका बच्चा मेहनत के बावजूद क्लास में फर्स्ट नहीं आ पाता तो उसे स‌िखाइये कि ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं। बल्कि जो बच्चा पढ़ने में तुमसे तेज है उसे पीटो और क्लास स‌े बाहर कर दो। तुम अपने आप फर्स्ट हो जाओगे।

2. स‌ंस‌द स‌िर्फ दिल्लीवालों के लिए है क्योंकि वह दिल्ली में स्थित है।
3. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्र स‌रकार के दूसरे स‌भी नेता दिल्ली के होने चाहिए।
4. मुंबई में हिंदी फिल्में नहीं स‌िर्फ मराठी फिल्में बनाई जानी चाहिए।
5. राज्य की बसों, ट्रेनों और फ्लाइट्स पर सिर्फ लोकल लोगों की भर्ती होनी चाहिए और दूसरे राज्यों की बसों, ट्रेनें और फ्लाइट्स महाराष्ट्र आने पर रोक लगा दी जानी चाहिए।
6. विदेशों में और भारत के दूसरे राज्यों में काम करने वाले मराठियों को वापस बुला लेना चाहिए, ताकि वो लोकल रोजगार पर कब्जा जमा स‌कें और बाहरी लोगों को खदेड़ स‌कें।
7. महाराष्ट्र में शंकर, गणेश और पार्वती की पूजा नहीं होनी चाहिए क्योंकि ये देवता उत्तर (हिमालय) के हैं।
8. ताजमहल देखने पर रोक होनी चाहिए क्योंकि वह स‌िर्फ उत्तर-प्रदेश वालों के लिए है।
9. महाराष्ट्र के किसानों को केंद्र स‌े मिलने वाली मदद नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि यह पैसा पूरे देश स‌े टैक्स के रूप में इकट्ठा किया जाता है। इसलिए कोई मराठी इस पैसे को हाथ कैसे लगा स‌कता है?
10. हमें कश्मीर में आतंकवादियों का समर्थन करना चाहिए क्योंकि वह अपने 'राज्य की आजादी' के नाम पर बेकसूरों को मार रहे हैं। यह स‌ब वो अपने राज्य की आजादी के लिए कर रहे हैं।
11. महाराष्ट्र स‌े स‌भी मल्टीनेशनल कंपनियों को निकाल फेंकना चाहिए। भला वो हमारे राज्य में मुनाफा क्यों कमायें? हमें अपनी लोकल माइक्रोसाफ्ट शुरू करनी चाहिए। महाराष्ट्र पेप्सी और महाराष्ट्र मारुति जैसे प्रोडक्ट लांच करने चाहिए।
12. विदेश में या दूस‌रे राज्यों में बनाए गए स‌ेलफोन, दूसरे राज्य या देश की कंपनी की ईमेल स‌र्विस, टीवी आदि नहीं इस्तेमाल करने चाहिए। विदेशी फिल्में और विदेशी नाटक भी नहीं देखने चाहिए।
13. हमें भूखों मरना कबूल है। दस गुना महंगा स‌ामान खरीदना मंजूर है। लेकिन विदेशी चीजें खरीदना, दूसरे राज्यों की कंपनियों का स‌ामान खरीदना और आयात करना कबूल नहीं।
14. महाराष्ट्र में किसी भी दूस‌रे राज्य के व्यक्ति को उद्योग स्थापित करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए।
15. मराठियों को स‌िर्फ लोकल ट्रेनों का उपयोग करना चाहिए। गाड़ियों को मराठी नहीं बनाते और रेलमंत्री भी बिहारी है। इसलिए इनका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
16. स‌भी मराठी यह स‌ुनिश्चित करें कि उनके बच्चे महाराष्ट्र में ही जन्म लें, वहीं पढ़ें-लिखें और वहीं बूढ़े होकर मृत्यु को प्राप्त हों। तभी वह एक स‌च्चे मराठी कहलाएंगे।

8 comments:

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत खूब!! ;))

kanchan ने कहा…

:)

L.Goswami ने कहा…

आपने जो लिखा तल्ख है ..पर सच्चाई भी है ..जिसने भी यह मेल लिखा है सही लिखा है

Unknown ने कहा…

ekdum sahi hai..
jo bhi ye mail padhega khud hi samajh jayega sahi kya hai aur kya galat :)

Unknown ने कहा…

ekdum sahi hai..
jo bhi ye padhega khud hi samajh jayega sahi kya hai aur galat kya :)

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

ekadam sateek lekh . dhanyawad.

Neerja ने कहा…

kafi sateek - ek dum 'spot on'

Unknown ने कहा…

अनुरोध है कि कोई सज्जन अगर बाल ठाकरे और राज ठाकरे तक पहुंच रखते हों तो कृपया यह पोस्ट उन तक भी पहुंचाने का कष्ट करें। धन्यवाद।

 
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