नेहा और प्रिया दो साल से एक गर्ल्स हास्टल में साथ-साथ रह रही थीं। पहले प्रिया दूसरी जगह नौकरी करती थी। लेकिन आठ महीने पहले उसे भी नेहा के आफिस में नौकरी मिल गई। उस पब्लिकेशन हाउस में प्रिया के आने से नेहा को तो जैसे मन मांगी मुराद मिल गई। अब दोनों ही एक साथ आफिस के लिये निकलतीं। एक साथ लौटतीं। दोनों ने अपना वीकली आफ भी एक ही दिन करवा लिया था। शनिवार। सब कुछ तो अच्छा चल रहा था। पता नहीं वो लड़का कहां से पीछे पड़ गया।
कहीं लौटते वक्त भी न मिल जाए। आफिस से निकलते हुए नेहा ने अपनी आशंका प्रिया के सामने रखी।
अरे नहीं यार, क्यों इतना टेंशन लेती है। प्रिया ने उसकी आशंका को निर्मूल बताते हुए कहा।
और मिल भी जाएगा तो क्या हुआ। लगता है बहुत पसंद करता है तुझे। तेरे पर दिल आ गया है बेचारे का। वैसे दिखने में तो बड़ा स्मार्ट है। प्रिया ने चुहलबाजी की।
चुप हो जा। बकवास मत कर। चुपचाप चल। नहीं तो घंटा भर खड़े रहना पड़ेगा बस स्टाप पर।
हां-हां, चल तो रही हूं। उड़ने तो नहीं लग जाउंगी। प्रिया ने पलटकर जवाब दिया।
नेहा को प्रिया की चुहलबाजी बिल्कुल अच्छी नहीं लग रही थी। रह-रह कर नेहा के सामने उसी लड़के का चेहरा आ जाता था। कहीं फिर मिल गया तो सबके सामने तमाशा बना देगा। पता नहीं क्यों मेरे पीछे पड़ा हुआ है। स्साला..प्रिया को गुस्सा आ रहा था।
अरे, भई! जब मिलेगा तब देखा जाएगा। अभी से क्यों दिमाग खराब कर रही है। प्रिया ने उसे समझाने की कोशिश की। आफिस से बस स्टाप चंद कदम की दूरी पर ही था।
अब नेहा और प्रिया बस स्टाप पर थीं। चुपचाप। खामोश।
शुक्र है आज बस जल्दी आ गई। प्रिया ने खामोशी तोड़ी और बस की तरफ बढ़ने लगी।
बस रुकी। प्रिया और नेहा उस पर चढ़ गईं।
बस में ज्यादा भीड़ नहीं थी। दोनों को सीट भी मिल गई।
नेहा चुपचाप थी। प्रिया भी चुपचाप उसके चेहरे के हावभाव पढ़ने की कोशिश कर रही थी।
प्रिया बहुत देर तक चुप नहीं रह सकती थी। चुप्पी तो जैसे उसे खाने को दौड़ती थी।
क्या हुआ यार, ऐसे चुप रहेगी तो मैं बस से कूद जाउंगी। कुछ तो बोल। यह कहते हुए प्रिया खिलखिला कर हंस दी।
नेहा के होठों पर भी मुस्कान तैर गई।
यही तो खूबी थी प्रिया की। हमेशा मुस्कराना और सामने वाले को भी हंसने के लिये मजबूर कर देना।
देखो हमारा स्टॉप आने वाला है और अब तक वो नहीं आया। अब तो खुश? प्रिया फिर चुहलबाजी के मूड में थीं।
हां खुश। नेहा ने भी हंसकर जवाब दिया।
अब वो आएगा भी नहीं। आज तो बच गये। कल की कल देखी जाएगी। नेहा का मूड अच्छा होते देखकर प्रिया चहक उठी।
बस स्टाप आ गया। दोनों नीचे उतर लीं और पैदल ही अपने हास्टल की तरफ चल पड़ीं। (जारी...)
1 comments:
partiksha...agali kisht ki
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