
मैं एक राष्ट्रवादी हूं। राष्ट्रवाद की भावना मेरे अंदर कूट-कूट कर भरी है। इस भावना को पत्थर की तरह कूटा गया था या मिट्टी की तरह ये तो मुझे नहीं मालूम लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं की जीते जी ये भावना मेरे दिल से निकलने वाली नहीं, बल्कि ये दिनोंदिन बलवती होती जा रही है। आज से मैं अपनी डायरी लिख रहा हूं। इस डायरी के जरिये आप मुझसे, मेरे बैकग्राउंड से और मेरे देशप्रेम से ओतप्रोत विचारों से अवगत हो सकेंगे। आगे कुछ लिखने से पहले मैं अपना परिचय करा दूं। मेरा नाम आरएसएस भाई पटेल है। मेरे पिताश्री का नाम वीएचपी भाई पटेल था। वो गुजरात के रहने वाले थे। मेरा जन्म भी गुजरात में ही हुआ। परवरिश भी वहीं पर हुई।
पिताजी ने हमें बचपन से ही राष्ट्रवादी...