शनिवार, 3 नवंबर 2007

चिट्ठाकारों के लिये एक प्रतियोगिता हो तो कैसा हो?

कल टेस्ट पोस्ट करने के कई फायदे हुये। पता चला कि नारद जी आजकल आराम फरमा रहे हैं। हिंदी ब्लाग डॉट कॉम भी काफी समय से अपडेट नहीं हो रहा है। दूसरा फायदा यह हुआ कि हमारे मना करने के बावजूद अनेक लोगों ने हमारी पोस्ट पर क्लिक कर ही दिया। इसका फायदा यह हुआ कि इसी बहाने से वो हमारे ब्लाग पर आ पहुंचे और हमारी कुछ नई पुरानी रचनायें भी पढ़ लीं। उन सभी पाठकों का हम तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं। इतना ही नहीं कुछ उदार पाठकों ने टिप्पणी करके भी हमें अनुग्रहीत किया, हमारा हौसला बढ़ाया। लिहाजा अब हम सोच रहे हैं कि कुछ लिख ही डालें। फिलहाल सोच रहे हैं क्या लिखें। हमेशा की तरह विषय की तलाश में हैं। आपको कोई विषय समझ में आये तो जरूर सुझायें। हम आपके आभारी रहेंगे। साथ ही आपसे एक विचार बांटना चाहते थे। हम हिंदी चिट्ठाकारों के लिये एक प्रतियोगिता का आयोजन करना चाहते हैं। वह कविता, कहानी या लेख प्रतियोगिता हो...

शुक्रवार, 2 नवंबर 2007

यहां क्लिक करने की गलती न करें !

अरे नहीं। मना किया था फिर भी आप नहीं माने। जनाब यह सिर्फ टेस्ट पोस्ट है। यहां आपके पढ़ने के लिये कुछ नहीं है। दरअसल, बहुत दिनों से कुछ लिख नहीं पाया। इसलिये सोचा कि जरा चेक करके देखता हूं सारे एग्रीगेटर ठीक-ठाक काम कर रहे हैं या नहीं। अगर आपने कुछ पढ़ने के चक्कर में यहां क्लिक कर दिया तो जाहिर है आपको निराशा ही हाथ लगी होगी। छमा प्रार्थी ह...
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