बुधवार, 7 दिसंबर 2011

मदेरणा हैं कि मानते नहीं



नेता बेशर्म होते हैं यह तो दुनिया जानती है। लेकिन राजस्थान पूर्व जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा ने बेशर्मी की सारी हदें तोड़ दी हैं। अब भी वही राग अलाप रहे हैं जो उन्होंने सियासत की पाठशाला के पहले दर्ज में पढ़ा था। कहते हैं उनके खिलाफ साजिश हुई है। उन्हें फंसाया गया है। वह संघर्ष करेंगे। इसे ही कहते हैं सब कुछ गंवाकर भी होश नहीं आया। याद कीजिए टेलिविजन पर दिखाई गईं वो तस्वीरें जिसमें सीबीआई मदेरणा को गिरफ्तार करके जोधपुर से दिल्ली ले जा रही थी। उसी वक्त मदेरणा ने मीडिया के सामने ये बेशर्मी भरा बयान दिया कि उन्हें फंसाया गया है। उनके चेहरे पर अपने किए का ना तो कोई अफसोस था और ना ही कोई शर्म-लिहाज। उल्टा मदेरणा साहब तो बेशर्मी की सारी हदें तोड़ने को बेकरार थे।

वैसे भी अब मदेरणा के पास शर्म करने लायक बचा क्या है? सीडी में कैद उनकी 'डर्टी पिक्चर' को दुनिया देख चुकी है। लेकिन मदेरणा हैं कि मानते नहीं। उन्हें अब भी अपनी सियासी विरासत बचाने की फिक्र खाए जा रही है। तभी तो पकड़े जाने पर जैसे हर सफेदपोश खुद को बेकसूर बताता है, अपने खिलाफ साजिश रचे जाने की बात करता है, वही सब अब महिपाल मदेरणा भी कर रहे थे। मदेरणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री है। सियासत के पुराने खिलाड़ी हैं। जाहिर है, आसानी से हार नहीं मानेंगे।

अब जरा मदेरणा की स‌ाहिबजादी की भी थोड़ी चर्चा कर लें। मदेरणा की बेटी दिव्या मदेरणा अपने पिता स‌े कह रह थी कि टेंशन लेने की कोई बात नहीं है। उसका भी यही कहना था कि उसके पिता को फंसाया गया है। उनके पिता की राजनीतिक हत्या करने के लिए यह षड्यंत्र रचा गया है। राजनीति के अभिमन्यु की तरह उसके पिता इस चक्रव्यूह को तोड़ेंगे। दिव्या की बड़बोली बातें स‌ुनकर हमें तो एक ही कहावत याद आई...बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभानअल्ला। सियासत के पुराने खिलाड़ी मदेरणा के मुंह स‌े तो राजनीति के रंग में लिपटे लफ्ज निकलने लाजिमी थे। लेकिन सियासत की एबीसीडी से दूर रही, मदेरणा की साहिबजादी दिव्या भी बाप की जुबान बोल रही थी। ऎसे जता रही थी जैसे उसके पिताश्री बिल्कुल दूध के धुले हैं। किसी ने उन्हें साजिश करके फंसा दिया और वो बेचारे फंस गए।

मदेरणा की बेटी तो काफी देर स‌े मीडिया के स‌ामने आई। उससे पहले उनकी पत्नी लीला मदेरणा ये बयान दे चुकी हैं कि स‌ीडी में होना कोई गुनाह थोड़े हैं। किसी तरह का सीडी बरामद होना या फिर किसी से रिश्ते रखना अपराध नहीं है। लीला ने ये भी कहा था कि ये तो चलता है। राजा-महाराजाओं के वक्त स‌े चला आ रहा है। लीला मैडम की लीला तो वाकई में अपरम्पार है। उन्हें सारी दुनिया विलेन और अपना पति हीरो नजर आता है। पति की असलियत देखकर भी दिखाई नहीं देती। या शायद वह देखना नहीं चाहतीं।

एक बात पर और भी गौर करने लायक है। बाप और मां-बेटी जब भी मीडिया के स‌ामने आईं उनके चेहरे पर अफसोस, रंज या गम की नन्ही स‌ी लकीर भी नजर नहीं आई। मतलब साफ है राजस्थान के मदेरणा ने भी जो किया, अब उसकी बेटी और बीवी मिलकर उस पर लीपापोती करने में जुट गई हैं। बेटी तो मां से भी दो कदम आगे है। उसने अपनी तुलना बेनजीर भुट्टो स‌े कर डाली है। दिव्या मदेरणा का कहना था कि जिस तरह बेनजीर ने पिता की विरासत स‌ंभाली थी उसी तरह वह भी पिता की राजनीतिक विरासत को स‌ंभालेगी। अब अगर अगले चुनावों में मदेरणा की साहिबजादी दिव्या अपने लिए वोट मांगती नजर आ जाएं तो आपको कोई अचरज नहीं होना चाहिए।

2 comments:

नुक्‍कड़ ने कहा…

यह वह हैं
जो जानते तो हैं
करते भी हैं
सब कुछ
पर मानते नहीं
कुछ भी
रूठे होंगे
तो न मानेंगे।

Rahul ने कहा…

Ankhen to Dosti me Dil ki zuban hoti hai,
Sachhi Dosti to sada bezubaan hoti hai,
Dosti me judai bhi aae to kya ghabrana…..
suna hai judai se Dosti aur bhi jawan hoti hai…..!

 
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