गुरुवार, 25 जून 2015

दिल्ली पुलिस बहुत बिजी है!!!

स्कूल स‌े कॉलेज तक कितनी लड़कियों को धोखा दिया?
पत्नी को धोखा देकर दूसरी के चक्कर में कब-कब पड़ा? 
अब तक कितनी बार अपनी पत्नी स‌े मारपीट की? 
पत्नी स‌े किये गये वायदों में कौन-कौन स‌े नहीं निभाये?
राजनीति में क्यों आया, वही काम करता जो कर रहा था?
राजनीति करनी ही थी, तो भाजपा ज्वाइन करता, ये पार्टी क्यों ज्वाइन की?
पड़ोसी के स‌ाथ कितनी बार कहासुनी और मारपीट हुई?
पड़ोसी के लड़के को पीटकर कितनी बार मामला थाने तक पहुंचा?
क्लास में स‌हपाठियों के बस्तों स‌े कितनी पेंसिल चुराईं?
किन-किन स्कूलों के स‌ीसीटीवी फुटेज स‌े चोरी के स‌बूत मिल स‌कते हैं?
स्कूल स‌े कॉलेज तक कहीं कई फर्जी डिग्री तो नहीं?
स्कूल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान कितनी बार क्लॉस बंक की?
परीक्षा के दौरान कौन-कौन स‌े पेपर में नकल मारी?
अब तक पढ़ाई करके पास हुआ है या हमेशा नकल करके?
देशभक्त पार्टी स‌े ताल्लुक रखने वाले कितने नेताओं की मानहानि की?
अब तक कितने स्टिंग में पकड़ा गया?
कितने लोगों स‌े उधार लिया और कितनों का नहीं लौटाया?
कहां रहता है, वहां रहता है तो वहीं क्यों रहता है?
तीन-चार कमरे का फ्लैट क्यों खरीदा, एक कमरे का क्यों नहीं?
कितने घर हैं, कितनी जमीन-जायदाद है?
कौन स‌ी कार है, बड़ी कार की क्या जरूरत मारुति 800 स‌े नहीं चल स‌कता?
कार की क्या जरूरत है, मोटरसाइकिल स‌े नहीं चल स‌कता?
मोटरसाइकिल की क्या जरूरत है, स‌ाइकिल स‌े नहीं चल स‌कता?
स‌ाइकिल की क्या जरूरत है, पैदल नहीं चल स‌कता, भगवान ने पैर नहीं दिए?
विधायक क्यों बना, ऎसे भी तो जनता की स‌ेवा कर स‌कता था?
चुनाव क्यों लड़ा, बिना चुनाव लड़े भी तो मंत्री बन स‌कता था?
चुनाव जीता क्यों, हारने के बाद भी तो मंत्री बन स‌कता था?
फर्जी डिग्री क्यों बनवाई, बिना डिग्री के भी तो मंत्री बन स‌कता था?
इतना पैसा कहां स‌े आया, जरूर चोरी की होगी?
कहां-कहां और किस-किस तरह उसे फसाने के चांसेज हैं?
किसी मामलें में जेल भिजवाने की कितनी स‌ंभावना है?
कितना दबाव डालने पर पार्टी छोड़कर राष्ट्रभक्त पार्टी में आ स‌कता है?
कौन स‌ी नस है जिसे दबाने स‌े केजरीवाल का दुश्मन बन स‌कता है?
क्या-क्या करने पर मोदी जी, राजनाथ जी और जंग स‌ाहब स‌े शाबासी मिल स‌कती है?
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इत्ता स‌ारा इन्वेस्टीगेशन करना, वो भी एक दो नहीं 67 लोगों का...
प्रति व्यक्ति औस‌तन 12 स‌े 15 डिग्री की स‌च्चाई पता लगाना
और वो स‌ब अलग जो विधायक या मंत्री नहीं है, उन्हें भी किसी न किसी मामले में फंसाना।
ये स‌ब कोई आसान काम है क्या?
वाकई दिल्ली पुलिस के पास बहुत काम है।
कौन कहता है दिल्ली पुलिस काम नहीं करती?

मंगलवार, 23 जून 2015

रिपोर्टर- हिंदू रक्षक स‌ंवाद

हिंदू रक्षक- हिंदू धर्म दुनिया का स‌र्वश्रेष्ठ धर्म है।
रिपोर्टर- तो फिर आप लोगों को दूसरे धर्मों स‌े इतना डर क्यों लगता है?
हिंदू रक्षक- क्या मतलब?
रिपोर्टर- मतलब ये क्या हिंदू धर्म इस्लाम और ईसाई को गाली देने स‌े ही मजबूत होगा?
हिंदू रक्षक- नहीं हमारा धर्म तो पहले स‌े ही मजबूत है।
रिपोर्टर- तो फिर इस्लाम और  ईसाई धर्म स‌े आपको इतनी मिर्ची क्यों लगती है?
हिंदू रक्षक- हमें भला मिर्ची क्यों लगेगी, हिंदू धर्म तो स‌बसे महान है।
रिपोर्टर- तो फिर आपको हमेशा ये डर क्यों लगा रहता है  ईसाई और मुस्लिम हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करा लेंगे?
हिंदू रक्षक- हम भला क्यों डरने लगे?
रिपोर्टर- इस्लाम और इसाई धर्म में कुछ तो खास होगा कि हिंदू अपना धर्म छोड़कर उनको अपना लेते हैं?
हिंदू रक्षक- वो स‌ब भटके हुए लोग हैं।
रिपोर्टर- इस्लाम और ईसाई धर्म छोड़कर तो कोई हिंदू नहीं बनता, मतलब आपके धर्म में ही कुछ खामी है?
हिंदू रक्षक- कहा ना वो भटके हुए लोग हैं हम उनकी 'घर वापसी' कराएंगे।
रिपोर्टर- लेकिन 'घर वापसी' की नौबत ही क्यों आती है, आप अपने लोगों को स‌ंभाल कर क्यों नहीं रखते?
हिंदू रक्षक- अरे आप स‌मझते नहीं हैं, हिंदू धर्म लोगों को आजादी देता है उसी का फायदा उठाकर वो धर्म बदल लेते हैं।
रिपोर्टर- अच्छा, तो दूसरे धर्म आजादी नहीं देते, इस‌ीलिए उनके लोग धर्म परिवर्तन नहीं करते?
हिंदू रक्षक- हां, वही तो...। हिंदू धर्म स‌बसे लोकतांत्रिक है।
रिपोर्टर- लेकिन आपके बयानों स‌े तो यही लगता है कि लोकतंत्र में आपका जरा भी विश्वास नहीं है?
हिंदू रक्षक- नहीं नहीं, ये स‌ब हमारे खिलाफ दुष्प्रचार है।
रिपोर्टर- अच्छा ये बताएं कि आप तो इस‌ देश में बहुसंख्यक हैं, फिर भी आपको अल्पसंख्यकों स‌े इतना खतरा क्यों महसूस होता है?
हिंदू रक्षक- वो क्या है कुछ हिंदू हैं जिन्हें अपने धर्म की महानता का अहसास नहीं है वो अल्पसंख्यकों को लगे लगाकर घूमते हैं, इसी स‌े स‌ारी गड़बड़ होती है।
रिपोर्टर- आखिर वो हैं कौन लोग?
हिंदू रक्षक- वामपंथी, आपिये, शेखुलर, खांग्रेसी, स‌माजवादी ये स‌ब हिंदू धर्म के दुश्मन हैं, देशद्रोही और गद्दार हैं।
रिपोर्टर- ये आप क्या कह रहे हैं?
हिंदू रक्षक- स‌ही कह रहा हूं और तुम भी उन देशद्रोहियों स‌े मिले हुए हो, बिकाऊ पत्रकार हो, चलो जाओ यहां स‌े, भारत माता की जय, वंदेमातरम।

गुरुवार, 7 मई 2015

''ऊपरवाला'' कुछ नहीं देख रहा है?

''ऊपरवाले'' के यहां देर और अंधेर तो पहले स‌े ही था. अब पता चला कि वहां भ्रष्टाचार भी बहुत है. ऊपर बैठकर ''स‌ब कुछ'' देखने के लिए भगवान ने जो स‌ीसीटीवी कैमरे लगवाए थे उनमें स‌े ज्यादातर खराब पड़े हैं. जो कैमरे काम कर रहे हैं, वो घटिया क्वॉलिटी के कैमरे भी जल्द ही 'स्वर्ग स‌िधार' जाएंगे. लगता है भगवान ने स‌ीसीटीवी लगाने का ठेका किसी भ्रष्ट इंजीनियर या भ्रष्ट ठेकेदार को दिया था. घटिया कैमरे लगाकर भोले-भाले भगवान जी को ठग लिया. मार्केट रेट स‌े ज्यादा पैसा भी लिया, घटिया कैमरे भी लगा दिए और आफ्टर स‌ेल्स स‌र्विस भी नहीं दी. हालांकि ठेका देने में भगवान पर भाई-भतीजावाद का शक नहीं किया जा स‌कता. वह तो मनमोहन स‌िंह की तरह स‌ौ फीसदी ईमानदार हैं. लेकिन खराब कैमरों के चक्कर में आजकल उनके 'ग्रह-नक्षत्र' कांग्रेस की तरह खराब चल रहे हैं. धरती के प्राणी स‌ोच रहे हैं कि ऊपरवाला स‌ब देख रहा है, जहां उसकी जरूरत होगी वह हरकत में आएगा. गुनहगारों को स‌जा देगा. लेकिन भक्तों को क्या मालूम कि ऊपरवाले की आंखें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं. आजकल उसे कुछ दिखाई-सुनाई नहीं देता. एक तो आंखों का मोतियाबिंद तो ऊपर स‌े खराब कैमरे, जिनमें कुछ रिकॉर्ड ही नहीं होता. मुश्किल ये है कि अब नये कैमरे लगवाने के लिए भगवान पैसे कहां स‌े लाएं? उनके पैसों पर तो पंडे, पुजारियों और मौलवियों ने कब्जा जमा रखा है. उनके नाम पर जमा स‌ोना-चांदी पंडे, पुजारियों की तिजोरियों का वजन बढ़ा रहा है। कुल मिलाकर आज के जमाने में मजबूरी का नाम महात्मा गांधी नहीं, मजबूरी का नाम ''भगवान'' है.

 
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